वास्ते हज़रत मुराद-ए- नेक नाम       इशक़ अपना दे मुझे रब्बुल इनाम      अपनी उलफ़त से अता कर सोज़ -ओ- साज़    अपने इरफ़ां के सिखा राज़ -ओ- नयाज़    फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हर घड़ी दरकार है फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हो तो बेड़ा पार है

 

 

हज़रत  मुहम्मद मुराद अली ख़ां रहमता अल्लाह अलैहि 

 

 हज़रत अबु-अल-फ़ज़ल अबदुल वाहिद तमीमी

 

रहमतुह अल्लाह अलैहि

 

आप रहमतुह अल्लाह अलैहि का इस्म गिरामी अबु-अल-फ़ज़ल अबदुलवाहिद तमीमी रहमतुह अल्लाह अलैहि है। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि के वालिद माजिद का इस्म गिरामी अबदुलअज़ीज़ तमीमी है। आप की विलादत बासआदत २२ रजब एल्मर जब २२७ हिज्री यमन में बवक़्त अस्र हुई ।आप रहमतुह अल्लाह अलैहि हज़रत अबूबकर शिबली रहमतुह अल्लाह अलैहि के मर युद्व ख़लीफ़ा हैं। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि से बेशुमार ख़लक़-ए-ख़ुदा ने राह हिदायत पाई। हज़रत अबु-अल-फ़ज़ल अबदुलवाहिद तमीमी रहमतुह अल्लाह अलैहि ने हरमैन शरीफ़ के कई दौरे किए और बिलाद अरब-ओ-अजम की सयाहत की।

आप ने अपने वालिद माजिद हज़रत अबदुलअज़ीज़ तमीमी रहमतुह अल्लाह अलैहि से २१ शाबान २४१ हिज्री में सिलसिला क़ादरिया निज़ामीया रज़ा क्या में ख़िलाफ़त हासिल की।फिर २३ रमज़ान २४९ हिज्री में आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ने हज़रत सय्यद दाउद बिन अहमद जोज़क़ी अबदाली से ख़िलाफ़त हासिल की ।२४ रजब २५७ हिज्री को आप ने हज़रत अबूबकर शिबली से बग़दाद में ख़िलाफ़त हासिल की ।आप रहमतुह अल्लाह अलैहि रियाज़त-ओ-इबादत में और तक़वा-ओ-तहारत में यकताए ज़माना थे। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि की आदात-ओ-सिफ़ात अपने मुर्शिद-ए-कामिल हज़रत अबूबकर शिबली रहमतुह अल्लाह अलैहि की तरह थीं। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि हर लम्हा संत नबवीऐ की हिफ़ाज़त फ़रमाते थे। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ने सिलसिला क़ादरिया को बहुत फ़रोग़ बख्शा और ख़लक़ कसीर को हिदायत ज़ाहिरी-ओ-बातिनी से मुरस्सा फ़रमाया। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ने शरीयत-ओ-तरीक़त की तरक़्क़ी में नुमायां किरदार अदा किया।

आप रहमतुह अल्लाह अलैहि २६जमादी अलाख़र ४२५हिज्री को इस दार फ़ानी से रुख़स्त हुए। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि का मज़ार अक़्दस हज़रत इमाम अहमद बिन हनबल रहमतुह अल्लाह अलैहि के मक़बरा बग़दाद शरीफ़ में दरयाए दजला के किनारे था। दरयाए दजला की तुग़यानी और कटाऊ की वजह से अब ये दोनों मज़ार नापैद होचुके हैं।